Ghazal Singer Pankaj Udhas Death Live in Hindi: प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक पंकज उधास का लम्बे अरसे से बीमारी के चलते 73 की उम्र में हो गया है निधन !

Ghazal Singer Pankaj Udhas Death in Hindi
Ghazal Singer Pankaj Udhas Death Live in Hindi: 1980 दशक में Pankaj Udhas ने अपने करियर की शुरुआत ‘Aahat’ नाम से एक गजल एल्बम की रिलीज से ही किया था। बॉलीवुड के इस प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक ने महेश भट्ट द्वारा निर्देशित एक फिल्म में ‘चिट्ठी आई है’ नामक एक बहुत ही सुंदर ट्रैक प्रस्तुत किया था । इस गीत ने अपार लोकप्रियता हासिल की और हर तरफ से ध्यान आकर्षित भी किया था। साल 2006 में भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

– Pankaj Udhas वो legendary singer थे जिन्होंने अपनी रसीली आवाज के दम पर न की सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी अपना नाम कमाया था, 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया हैं। Pankaj Udhas की बेटी नायाब उदास ने सोशल मिडिया के जरिए इस खबर की पुष्टि की है।

– अपने पूरे करियर के दौरान, Pankaj Udhas ने हमें अपने कई खूबसूरत गानों तथा गजल के साथ मंत्रमुग्ध कर दिया था, जिसमें लोकप्रिय ‘ना कजरे की धार’, ‘चिट्ठी आई है…’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ साथ ही साथ और कई अन्य बेहतरीन गाने शामिल हैं।

– रिपोर्टों से पता चलता है कि Pankaj Udhas लंबे समय तक पानक्रियाज कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे । गजल और संगीत की दुनिया इस किंवदंती पुरुष का योगदान के लिए उनको हमेशा हमेशा केलिए याद रखेगा और साथ ही साथ आने वाली पीढ़ियों को उनका यह अवदान हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

Pankaj Udhas का संगीत की दुनिया में Entry

– 17 May 1951 को पैदा हुए Pankaj Udhas राजकोट, गुजरात में स्तित एक जमींदार परिवार से थे। उनके पिता Keshubhai Udhas एक सरकारी कर्मचारी के रूप में काम किया, जबकि उनकी मां Janubin Udhas एक हाउसवाइफ थी। Pankaj Udhas जी के परिवार मुंबई में स्थानांतरित होने से पहले उन्होंने भावनगर में ही अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की थी।

– उन्होंने राजकोट में ही संगीत नाटिय अकादमी में तबला प्रशिक्षण लिया था और ग्वालियर राज घराने के गायक नवरांग नागपुरकर से भी संगीत के प्रति मार्गदर्शन प्राप्त किया हुआ था। पंकज उधस ने मुंबई में सेंट जेवियर कॉलेज से अपनी उच्च शिक्षा भी प्राप्त किया। संगीत के लिए उनके जुनून और समर्पण ने ही उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करवाई थी साथ ही साथ उनकी अनूठी शैली और दिल को छू लेने वाली आवाज ने उन्हें दुनिया भर में संगीत प्रेमियों के दिल में एक विशेष स्थान अर्जित करने में मदद किया था।

– 10 साल की उम्र में ही पंकज ने अपना पहला संगीत प्रदर्शन दिया था। भारत-चीन युद्ध के दौरान उन्होंने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ जैसे बेहेतरीन गाना गाया था। उनका यह प्रदर्शन इतना शानदार था कि दर्शकों में किसी ने उन्हें 51 रुपये के साथ पुरस्कृत भी किया था। यह पंकज की यात्रा तथा उनके संगीत के प्रति जुनून को और भी हवा दे दिया,फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से, पंकज का संगीत करियर में चार चांद लग गया और उन्होंने सफलता के बाद सफलता हासिल करते गए।

कई प्रमुख राजनेताओं तथा हस्तियों ने अपना दुख प्रकट किया

– पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर अपना दुख जताया। उन्होंने प्रसिद्ध भारतीय गजल गायक, पंकज उधस के स्वर्ग बास पर गहरी उदासी व्यक्त की। ममता बनर्जी ने उल्लेख किया कि उनका प्रस्थान संगीत उद्योग में एक अविस्मरणीय चाप छोड़ देगा और अपने परिवार तथा अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना को भी बढ़ाएगा।

– अदनान सामी ने गज़ल गायक पंकज जी के गुजरने पर अपनी उदासी व्यक्त की और उनके गाए हुए हर संगीत के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। अदनान सामी ने और भी लिखा है की पंकज जी के हर गाने उनकी बचपन की यादों का एक मजबूत हिस्सा बन गया था । वह पंकज जी की आत्मा की शांति के लिए कामना करने के साथ साथ उनके परिवार को अपनी दिल से संवेदना व्यक्त किया ।

– प्रधान मंत्री मोदी ने पंकज उधस के गुजरने पर अपना दुख व्यक्त करने के साथ साथ लिखा कि संगीत दुनिया ने एक महान कलाकार खो दिया है और उसकी अनुपस्थिति अविस्मरणीय होगी। प्रधान मंत्री एक्स का आधिकारिक अकाउंट से पोस्ट किया गया है की, “हम Pankaj Udhas जी के पास एक अद्वितीय भावनात्मक स्पर्श था और उनके गज़लों में आत्मा से जुड़ने की शक्ति थी। वह भारतीय संगीत में एक प्रमुख व्यक्ति थे, और उनकी संगीत की धुन कई पीढ़ियों तक गूंजती रहेगी “। पीएम मोदी ने हाल के वर्षों में पंकज जी के साथ होई बातचीत का भी याद दिलाया।

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