Yashasvi jaiswal कौन हैं : भारतीय टीम के बेहतरीन बल्लेबाज Yashasvi jaiswal ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में लगातार दूसरी बार दोहरा शतक लगाकर सभी को हैरान कर दिया है। हालांकि हैदराबाद टेस्ट में ज्यादा रन नहीं बनाने के बावजूद, यशस्वी ने विशाखापत्तनम और राजकोट में जोरदार वापसी की, जहां उन्होंने लगातार दोहरे शतक लगाकर इंग्लिश गेंदबाजों पर दबदबा बनाया।
– इस अविश्वसनीय प्रदर्शन के दौरान, यशस्वी ने कई रिकॉर्ड बनाए और खुद को क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ी ताकत के रूप में साबित किया।
Yashasvi jaiswal कौन हैं ?
– Yashasvi jaiswal उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरियावां गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 28 दिसंबर 2001 को हुआ था।आर्थिक तंगी के चलते यशस्वी का परिवार भारी मुश्किलों से जूझ रहा था । यशस्वी के पिता, भूपेन्द्र जयसवाल, भदोही में एक छोटी सी हार्डवेयर की दुकान चलाते थे, जबकि उनकी माँ, कंचन जयसवाल, घर की देखभाल करती थीं।
– Yashasvi अपने परिवार में छह भाई-बहनों में चौथी संतान हैं। यशस्वी ने छोटी उम्र से ही क्रिकेट में गहरी रुचि दिखाई और खेल के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखा। 11 साल की छोटी उम्र में, Yashasvi ने क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के अपने सपने को साकार करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ, अकेले ही मुंबई की और यात्रा शुरू की थी।
– यशस्वी जयसवाल ने क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए मुंबई जाने से पहले अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही पूरी की। उन्होंने यूपी में BPMG Public School से पढ़ाई की और बाद में Rizvi Springfield हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की । आर्थिक तंगी के कारण वह अपनी पढ़ाई बड़े पैमाने पर जारी नहीं रख पाए।
– मुंबई पहुंचने के बाद Yashasvi को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था जो की था रहने के लिए जगह ढूंढना। यशस्वी की मुंबई के वर्ली में रहने वाले अपने चाचा से सीमित जान-पहचान तो थी। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही समझिए की, यशस्वी को रहने के लिए उनके चाचा का घर बहुत ही छोटा था, और यही वजह रही की Yashavi को सर छुपाने केलिए अभितक कोई जगह नहीं मिल पाई थी।
– हालांकि, किस्मत ने उनका थोड़ा साथ दिया जिसके बदौलत, yashavi के चाचा उनको मुंबई की कालबादेवी डेयरी में नौकरी दिलाने में कामयाब रहे। यशस्वी को न सिर्फ डेयरी में काम करने की इजाजत दी गई, बल्कि उसे सोने के लिए भी जगह दी गई।हालांकि, कुछ महीनों बाद यशस्वी को एक और झटका लगा जब उन्हें डेयरी से भी निकाल दिया गया।
– एक इंटरव्यू के दौरान yashavi ने खुलकर अपना Experience शेयर करते हुए कहा कि वह कालबादेवी डेयरी में काम करते थे। अपना पूरा दिन क्रिकेट को समर्पित करने के बावजूद, यशस्वी अक्सर थका हुआ महसूस करते थे और छोटी-छोटी झपकी लेते थे। दुर्भाग्य से, एक दिन डेयरी अधिकारियों ने उन पर केवल सोने और उनके संचालन में योगदान नहीं देने का आरोप लगाया, जिसके कारण उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
– कालबादेवी डेयरी से निकाले जाने के बाद उनके सामने रहने के लिए दुबारा जगह ढूंढने की समस्या आ गई। लेकिन Yashavi ने अपने रहने की समस्या बाली बात को अपने परिवार से छुपाए रखा, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि वे उसे वापस बुलाएँ। काफी समय तक ढूंढने के बाद आखिरकार उन्हें मुंबई के आजाद मैदान में मुस्लिम यूनाइटेड क्लब में रहने के लिए एक टेंट मिल गया।
– वह रात में रसोइया का काम करते थे और दिन में टेंट में रहकर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे। हालांकि उनके पिताजी थोड़े थोड़े पैसे भेजते रहते थे, लेकिन वे मुंबई जैसे शहरों में गुजारा के लिए पर्याप्त नहीं था। Yashavi करीब तीन साल तक तंबू में रहे, छोटी-मोटी नौकरियां कीं और क्रिकेट खेला।
– ऐसे दिन भी आए जब उन्हें भूखा भी रहना पड़ा और जब लंबे समय तक ये समस्या सुलझ नहीं पाया तो, गुजारा के लिए आजाद मैदान के पास पानीपुरी भी बेची। तीन साल बाद उनकी प्रतिभा को क्रिकेट कोच ज्वाला सिंह ने पहचाना, जो उनके अभिभावक और गुरु बने। ज्वाला सिंह ने उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे स्थानीय क्रिकेट में उनके प्रदर्शन में काफी हद तक सुधार हुआ।
– Mumbai में Yashavi की राहें आसान नहीं थी, क्योंकि रास्ते में उन्हें कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ा था। हालाँकि, यशस्वी के अटूट संकल्प और अथक परिश्रम ने उन्हें इन बाधाओं को पार करने और क्रिकेट के खेल में महारत हासिल करने में सक्षम बनाया। अपने समर्पण और लगन से Yashasvi ने अपने सपने को हकीकत में बदल दिया और क्रिकेट की दुनिया में अपनी जगह बना ही ली।
Yashasvi jaiswal Stats in Hindi 2024
– अपनी शुरुआती क्रिकेट कैरियर का दौरान Yashasvi Jaiswal ने स्कूल क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड बनाया था, जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था । उनके इस शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें घरेलू क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। 2015 में, उन्होंने जाइल्स शील्ड मैच में शानदार 319 रन बनाए और 13 विकेट लिए। परिणामस्वरूप, यशस्वी जयसवाल ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया ।
– अपनी शानदार प्रदर्शन के बदौलत यशस्वी को 2015 में भारत की U15, U16 और U17 टीमों के लिए खेलने का मौका भी मिला था। 2018 में, उन्होंने अपने कला, कौशल से प्रभावित करके अंडर -19 भारत एशिया कप टीम में अपनी जगह बनाई। उन्होंने एशिया कप के अंतिम मैच के दौरान एक उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिससे पाकिस्तान के खिलाफ 85 रनों की एक उल्लेखनीय पारी शामिल थी जिसकी वजह से उन्हें फाइनल में Man of The Match का खिताब भी दिया गया था । 2019 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने के लिए उन्हें IPL मैचों में भी मौका मिलने लगा ।
– यशस्वी जयसवाल ने विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार डेब्यू करते हुए झारखंड के खिलाफ 154 गेंदों पर 17 चौकों और 12 छक्कों की मदद से 203 रन बनाए । उन्हें 7 जनवरी 2019 को रणजी ट्रॉफी में मुंबई का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, जहां वह 20 रन बनाने में सफल रहे। यशस्वी जयसवाल 2019-20 विजय हजारे ट्रॉफी में शीर्ष पांच रन बनाने वाले खिलाड़ियों में शामिल हो गए थे । उन्होंने केवल 6 मैचों में 112.80 की प्रभावशाली औसत के साथ कुल 564 रन बनाए।
– 2020 की आईपीएल नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने Yashasvi Jaiswal को 2.4 करोड़ रुपये में खरीदा था। 22 सितंबर 2020 को राजस्थान रॉयल्स के लिए अपना पहला IPL टी20 मैच खेला था । उन्होंने IPL में अपना पहला अर्धशतक 2 अक्टूबर 2021 को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ हासिल किया था । यशस्वी जयसवाल को आईपीएल 2022 मेगा नीलामी से पहले आरआर ने 4 करोड़ रुपये में रिटेन भी किया था।